Custom Search

Monday, May 25, 2009

क्यो हमारा पीछा नही छोड़ रहा बाबरी मस्जिद का भूत?


डॉक्टर एस डी नैय्यर

(आर्मी से रिटायर हुए डॉक्टर नैय्यर से रिजेक्ट माल के पाठक परिचित हैं। इस बार डॉक्टर साहब बाबरी मस्जिद... अर्ररर... सॉरी राम जन्मभूमि पर अपने विचार लेकर हाजिर हैं। हम तो पहले ही घोषित कर चुके हैं कि किसी भी विचार को रिजेक्ट करना इस मंच की नीति के ख़िलाफ़ है। सो नैय्यर साहब के विचारों को भी यहाँ जगह मिलनी ही थी, पर इसके अलावा भी एक कारण है इसे यहाँ आप सबके सामने पेश करने का।

डॉ नैय्यर देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने और उसे यथाशक्ति निभाने वाले कर्तव्यनिष्ठ नागरिक हैं। ८० वर्ष की उम्र में भी वह एक चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ कर मुफ्त लोगो का इलाज करते हैं। श्रद्धालु हैं, लेकिन राजनीति से कोई लेना-देना नही है। ऐसे व्यक्ति के विचार हमें मौका देते हैं उस मानसिकता को समझने का जो इस देश के आम जन मानस के आसपास है। खासकर तब जब चुनाव में मिले अप्रत्याशित झटके से बौखलाई बीजेपी इस उलझन से निकल नही पा रही कि उसे मन्दिर के रास्ते चलना चाहिए या विकास के रास्ते, नैय्यर साहब की बातें यह समझने में भी मदद कर saktee है कि उन जैसे लाखो लोगों की सोच और बीजेपी की महत्वाकांक्षा में दूरी कहां और क्यों आ गयी है।)

मैं अयोध्या और वहाँ के विवादित स्थल पर अक्सर जाता रहा हूँ जिसके बारे में माना जाता है कि वह राम जन्म भूमि है। इस बात का कोई ठोस सबूत नही हो सकता, सिवाय इसके कि लोग ऐसा मानते हैं। वहाँ अखंड कीर्तन वर्षों से चल रहा है।

अयोध्या की अपनी यात्राओं के दौरान मैंने उस स्थान पर मस्जिद के कोई निशान नही पाये। वहाँ कभी कोई मुस्लिम मुझे नही दिखा। जिस गुम्बद का जिक्र किया जाता है वह दूसरे गुम्बदों जैसा ही था। किसी भी मस्जिद में कुछ चीजें तो होनी ही चाहिए, जैसे

- हाथ धोने की जगह जहाँ 'वजू' किया जाए। वहाँ ऐसी कोई जगह नही थी।
- मुस्लिम श्रद्धालुओं के लिए ख़ास तौर पर बनायी गयी एक जगह जहाँ नमाज पढी जाए। वहाँ यह जगह भी नही थी।
- स्थानीय निवासियों की याद में (कम से कम मौजूदा पीढी की याद में) वहां किसी ने नमाज़ नही पढी है।

फ़िर यह मस्जिद आयी कहाँ से? बाबर ने यहाँ कोई मस्जिद नही बनवाई, कोई पुरातात्विक प्रमाण भी ऐसा नही बताते।

पूर्व प्रधानमन्त्री वी पी सिंह ने भी एक बार स्वीकार किया था कि वहाँ कोई मस्जिद नही है। यह मुस्लिम वोटों के लिए चलने वाला राजनीतिक खेल ही है जिसकी वजह से बाबरी मस्जिद का भूत हमारा पीछा नही छोड़ रहा। अजीब बात यह है कि बीजेपी के लोगो ने भी सच का पता लगाने की कोशिश नही की।

1 comment:

शरद कोकास said...

कहाँ लगे हैं आप भी.. इस विवाद को नेताओ,पुरातत्ववेत्ताओं और कार्यकर्ताओं के लिये छोड दीजिये

Custom Search